GuruForeCast

‘ भविष्य झाँकने का एक प्रयास ’                                                                                      

  दान ( ? )

                                                                 “ कृपया अपने जीवन मे सही मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु हस्तलिखित सम्पूर्ण जन्म कुंडली का निर्माण अवश्य करायेँ “

                                                                  शिक्षा . खेल . मनोरंजन . विज्ञान . व्यापार . पर्यावरण . राजनीति . आर्थिक . शेयर मार्केट . स्वास्थ्य . सेलेब्रिटी . धर्म

                                                                                                                                                                                                                        

मुहूर्त, उपचार जानने के लिए एवं मात्र 2100 रुपे /- मे जन्म कुंडली निर्माण हेतु ( कांल करें : 9320360418 ) गुरुफोरकास्ट वेबसाइट पर की गई सभी भविष्यवाणी प्रश्न कुंडली पर आधारित है :

होम हमारे बारेमें ग्रह नछत्र राशि मूलांक हस्तरेखा महूर्त रत्न वास्तु उपचार त्योहार आध्यात्मिक कथा पूजन सामग्री योग ध्यान पताटेस्टीमोनियल

.....आपका विश्वास ही हमारा विश्वास है.....

:  : पूष माह : :

. भारत . अमेरिका . एशिया . यूरोप . अफ्रीका . आस्ट्रेलिया

मकर संक्रांति ख़ुशी और समृद्धि का पर्व मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। भारतवर्ष के विभिन्न प्रान्तों में यह त्यौहार अलग-अलग नाम और परम्परा के अनुसार मनाया जाता है। संक्रांति के दिन पुण्य काल में दान देना, स्नान करना शुभ माना जाता है।

उत्तर भारत में इस पर्व को मकर संक्रांति, पंजाब हरियाणा में लोहड़ी, असम में बिहू और दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग खिचड़ी बनाकर भगवान सूर्यदेव को भोग लगाते हैं, जिस कारण इस पर्व को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है।

                                                                                          इस दिन सुबह- सुबह पवित्र नदी में स्नान कर तिल और गुड़ से बनी वस्तु को खाने की परंपरा है। इस पवित्र पर्व के अवसर पर पतंग उड़ाने का अलग ही महत्व है। बच्चे पतंगबाजी करके ख़ुशी और उल्लास के साथ इस त्यौहार का भरपूर लुत्फ़ उठाते हैं। इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और गीता के अनुसार जो व्यक्ति उत्तरायण में शरीर का त्याग करता है, वह बैकुण्ठ धाम में निवास करता है। इस दिन लोग मंदिर और अपने घर पर विशेष पूजा का आयोजन करते हैं।

                                                          भविष्य पुराण के अनुसार इस दिन प्रयाग और गंगासागर में स्नान का बड़ा महत्व बताया गया है, जिस कारण इस तिथि में स्नान एवं दान का करना बड़ा पुण्यदायी माना गया है।

back