GuruForeCast

‘ भविष्य झाँकने का एक प्रयास ’                                                                                      

  दान ( ? )

                                                                 “ कृपया अपने जीवन मे सही मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु हस्तलिखित सम्पूर्ण जन्म कुंडली का निर्माण अवश्य करायेँ “

                                                                  शिक्षा . खेल . मनोरंजन . विज्ञान . व्यापार . पर्यावरण . राजनीति . आर्थिक . शेयर मार्केट . स्वास्थ्य . सेलेब्रिटी . धर्म

                                                                                                                                                                                                                        

मुहूर्त, उपचार जानने के लिए एवं मात्र 2100 रुपे /- मे जन्म कुंडली निर्माण हेतु ( कांल करें : 9320360418 ) गुरुफोरकास्ट वेबसाइट पर की गई सभी भविष्यवाणी प्रश्न कुंडली पर आधारित है :

होम हमारे बारेमें ग्रह नछत्र राशि मूलांक हस्तरेखा महूर्त रत्न वास्तु उपचार त्योहार आध्यात्मिक कथा पूजन सामग्री योग ध्यान पताटेस्टीमोनियल

.....आपका विश्वास ही हमारा विश्वास है.....

:  : होली : :

. भारत . अमेरिका. एशिया . यूरोप . अफ्रीका . आस्ट्रेलिया

होली बसंत ऋतु के आते ही राग, संगीत और रंग का त्यौहार होली, खुशियों और भाईचारे के सन्देश के साथ अपने रंग-बिरंगी आंचल में सबको ढंक लेती है। हिन्दुओं का यह प्रमुख त्यौहार होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह पवित्र त्यौहार हिन्दू धर्म ग्रन्थ विष्णु पुराण में वर्णित प्रहलाद और होलिका की कथा सबसे ज्यादा मान्य और प्रचलित है। रंगों के त्यौहार होली के दिन लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं और खुशी मनाते हैं।

संपूर्ण भारतवर्ष में यह त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है लेकिन ब्रज और मथुरा जैसे क्षेत्रों में इसकी धूम देखते ही बनती है। इस दिन पूजा विशेष करने से श्रेष्ठ फल की प्राप्ति होती है। नारद पुराण के अनुसार होलिका दहन में पितरों और देवताओं के लिए तर्पण-पूजन करना चाहिए। साथ ही सभी दोषों की शांति के लिए होलिका दहन के पश्चात् अगले दिन उसकी विभूति की वंदना कर उसे अपने शरीर में लगाना चाहिए। घर के आंगन को गोबर से लीपकर और उसे रंगीन अक्षतों से अलंकृत कर उसमें पूजा-अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से आयु की वृ्द्धि, आरोग्य की प्राप्ति तथा समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है।

     होली के अवसर पर सतरंगी रंगों के साथ सात सुरों का अनोखा संगम देखने को मिलता है। इस दिन रंगों से खेलते समय मन में खुशी, प्यार और उमंग छा जाते हैं और अपने आप तन मन नृत्य करने को मचल जाता है। दुश्मनी को दोस्ती के रंग में रंगने वाला त्यौहार होली देश का एकमात्र ऐसा त्यौहार है, जिसे देश के सभी नागरिक उन्मुक्त भाव और सौहार्दपूर्ण तरीके से मानते हैं। इस त्यौहार में भाषा, जाति और धर्म का सभी दीवारें गिर जाती है, जिससे समाज को मानवता का अमूल्य सन्देश मिलता है।

होली पर्व को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं उनमे से एक हैं.....नारद पुराण की कथा नारद पुराण की एक कथानुसार श्रीहरि विष्णु के परम भक्त प्रहलाद का पिता दैत्यराज हिरण्यकश्यप नास्तिक और निरंकुश था। उसने अपने पुत्र से विष्णु भक्ति छोड़ने के लिए कहा परन्तु अथक प्रयासों के बाद भी वह सफल नहीं हो सका। तदुपरांत हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे की भक्ति को देखते हुए उसे मरवा देने का निर्णय लिया। लेकिन अपने पुत्र को मारने की उसकी कई कोशिशें विफल रहीं इसके बाद उसने यह कार्य अपनी बहन होलिका को सौंपा। होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह कभी जल नहीं सकती। अतएव होलिका अपने भाई के कहने पर प्रहलाद को लेकर जलती चिता पर बैठ गई। लेकिन इस आग में प्रहलाद तो जला नहीं पर होलिका जल गई। तभी से इस त्यौहार के मनाने की प्रथा चल पड़ी है।

back