‘ भविष्य झाँकने का एक प्रयास ’
“ कृपया अपने जीवन मे सही मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु हस्तलिखित सम्पूर्ण जन्म कुंडली का निर्माण अवश्य करायेँ “
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हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है । यह त्यौहार भाई-बहन का एक-दूसरे के प्रति स्नेह, प्यार और अटूट विश्वास का प्रतीक है ।
हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण पूर्णिमा यानि रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ समय सुबह से लेकर रात्रि तक का होता है ।
भविष्यपुराण के अनुसार इस दिन राजा को मन्त्रों आदि द्वारा अपने दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र बंधवाना चाहिए । समय के साथ और पौराणिक गाथाओं के चलन के साथ यह त्यौहार अब भाई-बहन के त्यौहार का प्रतीक बन गया है ।
इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, और उसके माथे पर तिलक लगाती है एवं उसकी दीर्घायु और प्रसन्नता के लिए ईश्वर से कामना करती है । भाई भी इस पवित्र बंधन के मौके पर अपनी बहन की हर स्थिति में रक्षा करने की प्रतिज्ञा का अमूल्य उपहार देता है ।