‘ भविष्य झाँकने का एक प्रयास ’
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गोमेद रत्न :
* गोमेद को राहु का रत्न कहा जाता है। यह सामान्यत: शहद के रंग जैसा होता है और गहरे भूरे या लाल रंग की तरह प्रतीत होता है। गोमेद रत्न में क्रूर और शक्तिशाली राहु ग्रह की ऊर्जा होती है। राहु का कलयुग में अधिक महत्व और प्रभाव है। इस वजह से गोमेद एक प्रभावशाली रत्न है ।
* गोमेद को राहू ग्रह के दोष निवारण हेतु धारण किया जाता है ।
* गोमेद रत्न उन लोगों के लिए विशेष लाभकारी है जो काल सर्प दोष से पीड़ित हैं। यदि यह किसी व्यक्ति के लिए उपयुक्त रहता है तो काल सर्प दोष से होने वाले बुरे प्रभावों से बचाव करता है। वे लोग जो पेट संबंधी विकार, सुस्त उपापचय से परेशान हैं उनके लिए गोमेद धारण करना फायदेमंद होता है। क्योंकि यह स्वास्थ्य और शक्ति को भी दर्शाता है, एवं भय की भावना दूर होती है और किसी भी कार्य को करने के लिए आत्म विश्वास, प्रेरणा व शक्ति मिलती है। यदि कोई व्यक्ति बहुरंग वाला गोमेद रत्न धारण करता है, तो उसे स्वास्थ्य और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
* गोमेद शनिवार के दिन राहू ग्रह के मंत्रों का जाप करते हुए सूर्यास्त से पहले मध्यमा में अंगूठी के रूप में धारण करना चाहिए । पुखराज धारण करते समय कुंडली में राहू ग्रह की स्थिति के बारे में भी विचार कर लेना चाहिए